
अमेरिका की सेना ने फरवरी में चीनी गुब्बारे को मार गिराया था और सोमवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत सहित अन्य देशों के साथ मामले से संबंधित जानकारी साझा की। अमेरिकी वायु सेना के कमांडर जेनरल केनेथ एस. विल्सबैक ने कहा कि अमेरिका ने क्षेत्र के वायु सेना अधिकारीयों के साथ चर्चा की है।
विल्सबैक ने कहा कि फरवरी में हमने अमेरिका के प्रमुख सैन्य स्थलों की जासूसी करने वाले चाइना के गुब्बारे को मार गिराया था। अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कैरोलिना के समुद्री तट से गुब्बारे को गिराने के लिए लड़ाकू विमानों का उपयोग किया गया था जिसके बाद चीन की एक निर्धारित यात्रा रद्द कर दी गई।
भारतीय क्षेत्र में भी नज़र्र आया था संदिग्ध गुब्बारा
एक साल पहले, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अज्ञात चीजों के उड़ने की खबर आई थी। विल्सबैक ने गुब्बारे के टुकड़ों से मिली जानकारी को साझा करने के लिए मना कर दिया है, तथा अमेरिकी सैन्य अधिकारी हवाई मेगा अभ्यास के लिए भारत में हैं।
उन्होंने कहा कि हवाई क्षेत्र की संप्रभुता की रक्षा करना अत्यंत आवश्यक है। विल्सबैक ने चीन पर निशाना साधते हुए बताया कि कई देश ऐसे भी हैं जो संप्रभुता का खंडन करते हैं, जिन्हें सिर्फ उड़ान भरने से मतलब है कि वे भारतीय, अमेरिकी या कनाडाई वायु क्षेत्र में हों।

अमेरिका और भारत ने पिछले कुछ सालों में सुरक्षा और रक्षा के लिए प्रमुख समझौते किए हैं, जिसमें 2016 में हुई लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट भी शामिल है। इसके तहत, सेनाओं की आपूर्ति और मरम्मत के लिए दोनों ओर के ठिकाने इस्तेमाल किए जाते हैं।
2018 में अमेरिका और भारत दोनों देशों ने संचार संगतता और सुरक्षा के लिए एक समझौता हस्ताक्षर किया है, जो भारत को उच्च तकनीकी उत्पादों की बिक्री भी प्रदान करता है।
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